जन्माष्टमी

0 0
Read Time1 Minute, 48 Second

कितना पवन दिन आया है।
सबके मन को बहुत भाया है।
कंस का अंत करने वाले ने,
आज जन्म जो लिया है।
जिसको कहते है जन्माष्टमी।।

काली अंधेरी रात में नारायण लेते।
देवकी की कोक से जन्म।
जिन्हें प्यार से कहते है।
कान्हा कन्हैया श्याम कृष्ण हम।।

लिया जन्म काली राती में,
तब बदल गई धरा।
और बैठा दिया मृत्युभय,
कंस के दिल दिमाग में।
भागा भागा आया जेल में,
पर ढूढ़ न पाया बालक को।
रचा खेल नारायण ने ऐसा,
जिसको भेद न पाया कंस।।

फिर लीलाएं कुछ ऐसी खेली।
मंथमुक्त हुए गोकुल के वासी।
माता यशोदा आगे पीछे भागे।
नंदजी देखे तमाशा मां बेटा का।।

सारे गांव को करते परेशान,
फिर भी सबके मन भाते है।
गोपियाँ ग्वाले और क्या गाये,
बन्सी की धुन पर थिरकते है।
और मौज मस्ती करके,
लीलाएं वो दिख लाते है।
और कंस मामा को,
सपने में बहुत सताते है।।

प्रेम भाव दिल में रखते थे,
तभी तो राधा से मिल पाए।
नन्द यशोदा भी राधा को,
पसंद बहुत किया करते थे।
गोकुल वासियों को भी,
राधा कृष्ण बहुत भाते थे।
और प्रेमी युगलों को भी,
कृष्ण राधा का प्यार भाता है।।

सभी पाठको के लिए जन्माष्टमी
की शुभ कामनाएं और बधाई।

जय जिनेन्द्रा देव की
संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

एक बालक का पैगाम

Wed Aug 12 , 2020
स्वतन्त्रता दिवस विशेष सरहद के रखवालों सा मैं सैनिक बनना चाहता हूँ। घनघोर ताप या शीत हो आतप बॉर्डर पर जाना चाहता हूँ। सिले होंठ या चिरा हो सीना झण्डा फहराना चाहता हूँ। डटकर दुश्मन का करूँ सामना मैं कदम बढ़ाना चाहता हूँ। मरते वक्त हो कफन स्वदेशी वतन की […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।