बाढ़ की विभीषिका

0 0
Read Time1 Minute, 20 Second

आये जब यह बारिस का मौसम
दिल बहुत घबराता रहता है मेरा
मैं बिहार का अबला ग्रामीण हूँ
बाढ़ की विभीषिका से नाता मेरा।

यह बारिस अमीरो को शकून देती
गरीबों के छप्पर को तो चूअन देती
भींगते बदन और रोजी न रोजगार
आशा में दिन निकला थम जा बरसात ।

नदियों में उबाल देख डर लगा रहता
घर तो बहेगा ही फसल भी बर्बाद
हर वर्ष हमलोगों को देती दोहरी मार
बाढ़ से निजात का कोई न करता उपाय।

बचपन से देख रहा सबका यही हाल
सरकारें बदलती गयी नहीं बदली चाल
बिहार को आगे नही पीछे ले जाते हैं
हर वर्ष सरकार व यह नदियों की धार।।

फिर शूरू होता बंदरबाट का धंधा
लाखो पैकेज बनते करोड़ों के चंदे
कुछ बांटकर, खूब चलता गोरख घंघा
फिर वहाँ घडियाली आँसू जाकर बहता।

यह विवशता भरी खेल हमसे खेले
हम ग्रामीण फिर भी इनको न बोले
यह जीवन कैसे चले इनपर चुप कैसे रहे
सवालजबाब जब हो ये विपक्ष को बोले।

                                आशुतोष 
                              पटना बिहार 

matruadmin

Next Post

आत्महत्या और श्रीमद्भगवद्गीता

Tue Jul 28 , 2020
रिश्ता टूट गया तो आत्महत्या। कोई अपना रूठ गया तो आत्महत्या। फसल बर्बाद तो आत्महत्या। फिल्में नहीं मिलीं तो आत्महत्या। सम्मान नहीं मिला तो आत्महत्या। ओह! कितना नादान और नासमझ है हमारा मन जिसे इतना भी नहीं पता कि जान है तो जहान है। कितना बच्चा है हमारा मन जिसे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।