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यहाँ मिल बांट खाया जा रहा है
हमें उल्लू बनाया जा रहा है ।
किया था जुर्म देखो आदमी ने
किताबों को जलाया जा रहा है ।
किसी की जिंदगी में कर अंधेरा
कहीं दीपक जलाया जा रहा है ।
हमारे छीनकर बच्चों से रोटी
वहाँ कुत्ता खिलाया जा रहा है ।
करेंगे उल्टियां दो घूंट पीकर
उन्हें फिर भी पिलाया जा रहा है ।
हमारा हक किसी को और देकर
हमें ठेंगा दिखाया जा रहा है ।
#दिवाकर
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