#शशांक दुबे
परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |
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काट दिया सिर वीरों का,फिर से उन सब नापाकों ने।
रक्त उतर आया है देखो,फिर से सबकी आँखों में।।
ओज़ छोड़ अब मर्म समाया,देखो मेरी बातों में।
देश का गौरव क्षीण किया है,बस ऐसे हालातों ने।।
कुत्ते की दुम भी हाँ बंधु,सीधी भी हो सकती है।
आतंकों में मानवता पर,कभी नहीं हो सकती है।।
छोड़ो अब तुम शांतिपाठ,कुछ रण कौशल भी दिखलाओ।
भारत माता के गौरव को,फिर स्थापित करवाओ।।
छप्पन इंची सीने से,बहुत बढ़ी अब आशा है।
चुप्पी तोड़ो कुर्सी वालों,फ़ैली बड़ी निराशा है।।
छोड़ो अब मीठी बातें,ऐसा कोई यतन करो।
रूह उठे अब काँप पाक की,ऐसा कोई जतन करो।।
आशा है इस दिल को,वह दिन भी जल्दी आएगा।
पाक का भी हर बच्चा बच्चा,’वंदे मातरम्’ गाएगा।।
भारत माँ का यशगान,सम्पूर्ण विश्व तब गाएगा।
घाटी पाक की क्या बिसात,हर ओर तिरंगा छाएगा।।