डॉ. वेदप्रताप वैदिक को श्रद्धांजलि

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डॉ क्टर थे वो कलम से शब्दों कि चिकित्सा करते थे।
वे अपनी कलम से हर बात खुलकर लिखते थे।
बंग पत्रकार एसे,लोग उन्हें लेखन का योद्धा कहते थे।
प्र श्न कोई भी करले उनसे, बेबाक जवाब देते थे।
ता रणहार बने हिन्दी आंदोलन के हिन्दी भाषा को मान लिया।
त्र, पत्रिकाओं में लिखकर हिन्दी भाषा को सम्मान दिया।
वै चारिक मतभेद हो, पर व्यवहार के मनभेद नहीं होते थे।
दि या सबको स्नेह सदा,जो लोग उनके करीबी होते थे।
ई उच्च पद पर रहते हुए भी हिन्दी को सम्मान दिया।
कलम के धनी कहलाये, पत्रकारिता में ऐसा नाम किया।
को ई नहीं अब इनके जैसा साहित्य जगत में आएगा।

श्रद्धांजलि देता है जनार्दन आपको आपके योगदान को कोई न भूला पाएगा।

जनार्दन शर्मा,

(आशु कवि लेखक हास्य व्यंग)। संस्थापक अध्यक्ष, मनपसंद कला साहित्य मंच इंदौर

संक्षिप्त परिचय -:
नाम-:जनार्दन शर्मा
शिक्षा -: स्नातकोत्तर
पता-: महावीर नगर इंदौर मध्यप्रदेश

साहित्य परिचय -: आशु कवि लेखक हास्य व्यंग व अन्य विधाओं में हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी जी, मालवी में, अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में हास्य कवि के लिए आमंत्रित, व विभिन्न भाषाओं में, व्यवसायिक मंच संचालन, सूत्रधार, विभिन्न,पत्र, पत्रिकाओं में लेख, व्यंग, लघुकथाएं, कविताओं का नियमित प्रकाशन संस्थापक अध्यक्ष मनपसंद कला साहित्य मंच इंदौर, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद इकाई इन्दौर,*
सम्मान-: हिन्दी साहित्य परिषद, शुभ संकल्प साहित्य, मालवा शिरोमणि, अग्निशिखा साहित्य मंच मुंबई, साहित्य मंडल, जबलपुर व विभिन्न, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंचों द्वारा साहित्यकार,लेखन व प्रकाशन के लिए अलंकरण व सम्मानित।
प्रकाशन -: कोरोना पर
*”वेदना २०२०-२१” नामक पुस्तक का प्रकाशन
*अन्य*-: हास्य योग में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, बनाया,लघु फिल्म,व विज्ञापन में रोल, रंग मंच कलाकार, संगीत कार्यक्रम व हास्य कार्यक्रम प्रस्तुति
*मुख्य व्यवसाय*-: मेडिकल, हास्पिटल, क्षेत्र में कार्यरत, राजनीति में समाज सेवा, प्रवक्ता सर्व ब्राह्मण समाज

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।