आंसू

0 0
Read Time2 Minute, 25 Second

मेरे आंसुओ की कीमत,
कोई क्या समझेगा।
लगे है घाव जो दिल पर,
उन्हें कोई क्या समझेगा।
क्या कोई मेरे घावों पर,
मलहम आ कर लगाएगा।
मेरे दुखते हुए दिल को,
कोई तो धैर्य बंधायेगा।।

दिल की धड़कने मेरी,
बहुत तेज चल रही।
क्या उन्हें कोई,
आ कर शांत करेगा।
और मेरे दिल में,
अपने जगह क्या बनापायेगा।
बिखर चुकी मेरी दुनियाँ,
को क्या कोई फिरसे बसाएगा।
अपने प्यारे शब्दो से,
मेरे दिलको बहलाएगा।।

मेरे आंसू मेरी कहानी,
कह रहे है लोगो।
की कितना कुछ सहा,
मेरे इस दिल ने लोगो।
अब और सहा नहीं जाता,
मेरे इस शरीर से।
अब में कब्र में पाव,
लटका कर बैठ गया हूँ।।

समर्पित कर दिया मैंने,
अपने आप का जीवन।
अब इच्छा है नही मेरे,
और संसार मे जीने की।
क्योंकि बहुत देख लिया मैंने,
अपनी इस छोटी सी उम्र में।
अब प्रभु सेवा से बढ़कर
कुछ भी नही मेरे जीवन में।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।00

matruadmin

Next Post

दूरदर्शन द्वारा हिन्दी समाचारों में हिन्दी के स्थान पर हिंग्लिश का प्रयोग निरंतर बढ़ाने व हिन्दी कार्यक्रमों का नामकरण अंग्रेजी में करने के विरुद्ध अभ्यावेदन

Mon Mar 16 , 2020
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय एनडीसीसी-II ( नई दिल्ली सिटी सैंटर) भवन, ‘बी’ विंग चौथा तल, जय सिंह रोड, नई दिल्ली -110001 विषय: दूरदर्शन द्वारा हिन्दी समाचारों में हिन्दी के स्थान पर हिंग्लिश का प्रयोग निरंतर बढ़ाने व हिन्दी कार्यक्रमों का नामकरण अंग्रेजी में करने के विरुद्ध अभ्यावेदन महोदय, दूरदर्शन (प्रसार […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।