इबारत

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लिखता इमारतों के आसमानी
गुरूर की इबारत
लुटा दी, जिसके लिए देहातों ने अपनी
अल्हड़ यौवन की पूंजी
ले सतरंगी सपनों की झिलमिल
जो आए थे माया के नगरों में
बुझ गई, उम्मीदों की मशालें तमाम
बचे अंगारों की राख,
करते नीलाम, गुलामी के बाजारों में
तड़पते, बिलखते, भूखे बचपन को
ढोती, दुबकाती बेबस माता की छाती
लानत, धिक्कार, तिरस्कार और
देता गाली पर गाली
चल निकल,
कह – दुत्कारता, गुर्राता बेल्टधारी
सूखे होठ, सूखे आंसू,
सूखी छाती, सूखा बदन
टूटा हलक से पेट का नाता,
पछताता जिस्म, जिस्म को खाता
विषकन्या सी लुभाती, भरमाती
चमकीली सड़कों की मरीचिकाएं
फिर जख्मों पर मरहम लगाने के बहाने
गोद में सुलाती
मौका पाते ही डस जाती
नाकाम हुकूमत की नाकाम सियासत
चलती चाल पर चाल
रेंगती, सड़कों पर ममता,
होकर निढाल, बेहाल
दाने- दाने को मुहाल।

अजय कुमार

ज.न.वि. हावेरी

परिचय-
अजय कुमार,
हिंदी अध्यापक,
नवोदय विद्यालय समिति,
हावेरी, कर्नाटक
मूल निवास – गांव- छावला, नई दिल्ली – 110071

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।