विश्व परिवार दिवस की बधाई
बरगद की शीतल छाया
दादा दादी का प्यार है
इनके संस्कारों में पल्लवित
सुंदर हर परिवार है
बुआ हमारी सबसे प्यारी
परिवार की वो धुरी है
चाचा चाची सङ्ग मिलके सारे
करते कहानी पूरी हैं
मां की ममता कौन न जाने
पिता कर्तव्य की माला है
दीदी भैया मित्र हमारे
घर ही तो पाठशाला है
नाना नानी मामा मामी
ममता की ये छांव है
गर्मियों की धमाचौकड़ी से
मौसी बड़ी हैरान है।
इन्ही रिश्तों का ताना बाना
जीवन सफल कराती है
पाठ सीखा कर्तव्य त्याग का
परिपूर्ण हमें बनाती हैं।
अविनाश तिवारी
अमोरा