परिवार हमारा

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विश्व परिवार दिवस की बधाई

बरगद की शीतल छाया
दादा दादी का प्यार है
इनके संस्कारों में पल्लवित
सुंदर हर परिवार है

बुआ हमारी सबसे प्यारी
परिवार की वो धुरी है
चाचा चाची सङ्ग मिलके सारे
करते कहानी पूरी हैं

मां की ममता कौन न जाने
पिता कर्तव्य की माला है
दीदी भैया मित्र हमारे
घर ही तो पाठशाला है

नाना नानी मामा मामी
ममता की ये छांव है
गर्मियों की धमाचौकड़ी से
मौसी बड़ी हैरान है।

इन्ही रिश्तों का ताना बाना
जीवन सफल कराती है
पाठ सीखा कर्तव्य त्याग का
परिपूर्ण हमें बनाती हैं।

अविनाश तिवारी
अमोरा

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मूल बात

Fri May 15 , 2020
किसीको क्या दोष दे हम, जब अपना सिक्का ही खोटा। दिलासा बहुत देते है, स्वार्थी इंसान दुनियां के। समझ पाता नहीं कोई, उस मूल जड़ को। जिसके कारण ही दिलोमें, फैलती है अराजकता।। समानता का भाव तुम, जरा रखकर तो देखो। बदल जायेगी परिस्थितियां, इस जमाने के लोगों। बस थोड़ी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।