जाने कब ?

0 0
Read Time2 Minute, 48 Second
rinkal sharma
नव भोर हुई,नव दिन निकला
चहुँ ओर चमन था उजला उजला
कहीं पंछियों की चहचहाहट थी
कहीं मुसाफिरों की आहट थी
कहीं खुशबू कलियों की मुस्कान की थी
कहीं वाणी नदियों के उफ़ान की थी
कहीं गूँज मंदिरों में प्रभुनाम की थी
कहीं गूँज मस्जिदों में अज़ान की थी
कहीं गुरुद्वारों में मधुर गुरुवाणी थी
कहीं गिरिजाघरों में मरियम की कहानी थी
सृष्टि पूरी ही यूँ सुहानी थी
जैसे देवों की पावन कहानी थी
मानवों में भाईचारा था
हर ओर अमन का नारा था
नव भोर हुई , नव दिन निकला। …।
पर उफ़! नव दिन पर यूँ काली बदरी छायी
चारों ओर नफरत की यूँ आंधी आई
हाय ! नियति ने ये क्या कर डाला
भाई को भाई से ही मरवा  डाला
नफ़रत ने अमन का खून किया है
सुन्दर धरती ने यूँ लहू पिया है
जहाँ कभी अमन का नारा था
वहाँ अब भेदभाव बँटवारा है
अब कहीं चीख़ है बेबस विधवाओं  की
कहीं चीख़ है  लाचार माँओं की
कहीं चीख़ है माँ के दुलारों की
तो कहीं गूँज है क़ातिल नारों की
अब कैसा भला ये देश है, और कैसी ये आज़ादी है
जहाँ रक्त की नदियाँ बहती है , मानव नफ़रत का आदी है
अब अमन चैन सब खो गया है ,मानव धर्म ही सो गया है
जाने फ़िर वो सुबह कब आएगी, जो फ़िर धरती को खुशियों से महकाएगी
जाने कब ?… जाने कब?……. जाने कब ?….
#रिंकल शर्मा
परिचय-
नाम – रिंकल शर्मा
(लेखिका, निर्देशक, अभिनेत्री एवं समाज सेविका)
निवास – कौशाम्बी ग़ाज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश)
शिक्षा – दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक , एम ए (हिंदी) एवं फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा 
अनुभव –  2003 से 2007 तक जनसंपर्क अधिकारी ( bpl & maruti)
2010 – 2013 तक स्वयं का स्कूल प्रबंधन(Kidzee )
2013 से रंगमंच की दुनिया से जुड़ी । बहुत से हिंदी नाटकों में अभिनय, लेखन एवं मंचन किया । प्रसार भारती में प्रेमचंद के नाटकों की प्रस्तुति , दूरदर्शन के नाट्योत्सव में प्रस्तुति , यूट्यूब चैनल के लिए बाल कथाओ, लघु कथाओंं एवं कविताओं का लेखन ।  साथ ही 2014 से स्वयंसेवा संस्थान के साथ समाज सेविका  के रूप में कार्यरत।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शत शत नमन

Sat Aug 18 , 2018
पंचतत्व मे मिल गए अटल बिहारी महान देश की जनता ने दिया उन्हें भरपूर सम्मान पार्थिव शरीर की पवित्रता का रखा सबने खास ध्यान पुष्प गुछ से श्रद्धांजलि देना है उत्तम अपना प्रावधान अटल इन प्रावधानों से बहुत अधिक बड़े थे देशभक्ति,सेवाभाव में वे सबसे आगे खड़े थे उनके लिए […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।