हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है

0 0
Read Time2 Minute, 21 Second

विविध भाषा की प्रखरता ज्ञान का बहुमान है ।
हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।।

माना अंग्रेजी को हमने विकास का पर्याय है
आधुनिकता का यह प्रमुख प्रथम अध्याय है
दिलों को जो जोडे़ वो हिन्दी हमारी जान है
हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।

उर्दू भाषा में अदब की गजब की ये शक्ति है
शब्द के हर भाव में नमन की अभिव्यक्ति है
माँ भारती के माथे का तिलक हमारी शान है
हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।

हिन्दी ही तो आन बान और हमारी शान है
हर शब्द और हर सांस में भारत की प्राण है
जन की भाषा मन की भाषा और सर्वज्ञान है
हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।

विविध भाषा की प्रखरता ज्ञान का बहुमान है ।
हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।।

नाम – जैन कवि धर्मेन्द्र बंम

शिक्षा – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा

सर्विस – ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड में प्रोसेस इंजीनियर

सामाजिक सहभागिता –
उपाध्यक्ष – जैन सोश्यल ग्रुप, नागदा
सचिव – श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा
संयोजक – जय जिनेन्द्र काव्य पुष्प माला
सचिव – मंत्रणा साहित्यिक संस्था
काव्य परिचय –
मिश्र विधा : गीतकार एवं मंच संचालक

आकाशवाणी इन्दौर में काव्य पाठ करने का दो बार सौभाग्य प्राप्त, सामाजिक जागरूकता विषयों पर संदेश प्रधान एवं देश प्रेम पर काव्य सृजन करना जिनमें कहीं न कहीं जैन दर्शन अवश्य दृष्टिगोचर होता है।

पता – बिरलाग्राम नागदा
जिला उज्जैन (म प्र) ।

matruadmin

Next Post

जय जनता

Sun Mar 15 , 2020
कुछ जीते हैं कुछ हारे हैं सभी के विकास नारे हैं लोकतंत्र के पर्व में टिमटिमाते सभी ये तारे हैं। गिर के उठना फिर सम्भलना जीवन हमें सीखाती है। कभी जीत मिली कभी हार जीवन पाठ पढ़ाती हैं। मतभेद को मनभेद न करना जनादेश यही अब कहती है, मिलकर सारे […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।