मौत से लड़ना क्या

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मौत से लड़ना क्या ,
मौत तो एक बहाना है,
जिन्दगी के पन्नों में,
कब क्या हो जाए,
ये न तो मै जानता न तुम,

उल्फत न मिलती ,
जिवन के रुसवाईयो मे,
हर जहा हमे पता होता ,
जिवन के रह्नुमाईयो मे,
मौत से मुड़ना क्या,

आरजू , गुस्त्जू से ,
अनुभूतियाँ नही होती ,
हर रास्तों मे हमे,
कोई खूबियाँ नही मिलती,
क्या जाने कब मौत आ जाए ,

जिन्दगी की डगर पे ,
धूप की छाँव मे,
वर्षा की राहों मे,
मुद्ते बदल देती है,
मौत तो एक आकांक्षा है ,

मौत से लड़ना,
मौत तो एक बहाना है ,
जिवन की राहो मे,
यमदूत से डरना क्या,
दोस्त बना लेना है!

#रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड
वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
प्रकाशित पुस्तक ~ मेरी कलम रो रही है(एकल संग्रह) एव छह साझा संग्रह !
विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
सचिव ~ राष्ट्रिय आंचलिक साहित्य संस्थान एव भारतीय ज्ञानपीठ(आजीवन सदस्य)
पता ~ पुरानी बाजर चैनपुर
पोस्ट -चैनपुर, जिला – सीवान

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।