संतोष गर्ग को मिला प्रेरणा परिवार सम्मान।

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हिसार- शहर प्रमुख साहित्यिक संस्था प्रेरणा परिवार द्वारा स्थानीय भारत माता मन्दिर में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के महान नवगीतकार सतीश कौशिक ने की तथा बतौर विशिष्ट अतिथि सेवा निवृत्त एससी बिजली विभाग उपस्थित रहे। कुशल मंच संचालन पीपी शर्मा ने किया। कार्यक्रम में आरंभ में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ ने आगंतुकों का अभिवादन किया संस्था द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। पूनम मनचन्दा ने मां सरस्वती का आह्वान किया।        
                सम्मान समारोह के तहत जानी-मानी साहित्यकार संतोष गर्ग जी को उनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को ध्यान में रखते हुए “प्रेरणा सम्मान” से नवाजा गया। सम्मानित होने पर संतोष गर्ग ने कहा कि मुझे देश भर से दर्जनों सम्मान मिले हैं परन्तु आज हिसार मैं प्रेरणा परिवार द्वारा सम्मान पाकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं क्योंकि इन युवाओं ने ऐसा करके नई इबादत लिखी है।
साथ ही कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवयित्री पुष्पा की कविता के अंश देखिए
भूख से बिलखते बच्चे ने ऐसे दम तोड़ दिया।
पास के मन्दिर मस्जिद के ख़ुदा ने भी नहीं सुना।।
वहीं भारत एडवीहु की रचना ये थी
ना सरकार मेरी,ना रुआब मेरा,ना बड़ा सा नाम मेरा है, मुझे इस बात का गौरव है, मैं हिन्दुस्तान का हूं, हिन्दुस्तान मेरा है।।
दीप पाॅली की कविता की झलक देखिए
जहां बेटियों को कम से कम पढ़ाया जाता है।
पढ़ाई से ज्यादा पैसा उनकी शादी में लगाया जाता है।।
वीरेंद्र कौशल के भाव यूं थे
तीन रंग का कपड़ा नहीं, महज़ अपना तिरंगा
तीन मूल्यों की अमुल्य खान है अपना तीरंगा।
                       इस अवसर पर राजेश सरदाना,ॠषि सक्सेना,बलजीत बेनाम, प्रिंस,उरेश शर्मा, माहिया समीर, संतोष शर्मा,गीतू धवन, अनीता जैन, नीरज मनचंदा आदि ने कविता सुनाई व राजकुमार शर्मा, अंकुश गौड़, संतोष गुप्ता, संतोष शास्त्री, कृष्णा गोयल,मून्नी चौहान, विनोद असीजा, कुसुम केडिया, अभिलाषा,बाला देवी, बबीता शर्मा, आदि मौजूद रहे।
अंत में संस्था महासचिव राजेश सरदाना ने सभी का आभार प्रकट किया।
              शुभकरण गौड़

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