मुहब्बत

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किश्तो में सही मुहब्बत को तू कर्ज देकर जाए ।
सूद समेत लौटाउगी थोड़ी सी मोहलत भी तू दे जाए
वक्त भी है फुर्सत भी है कुछ वादा करके ही जाए
पुरानी पड़ी दिल में यादों को ताज़ा करके जाए
मुझे क्या पता वो लौट कर आए या ना आए
हमेशा कहकर जाता मगर जरूर आएगा
इंतजार में अब घडियां भी बीतने लगी
सोचती काश !यूँ ही कभी कहीं दिख जाएगा ।
इसी अहसास में उम्र भी बीतती रही
दुरियां बढ़ती मगर धडकनो में समाएगा
मुहब्बत का अंजाम बहुत जालिम है
काश!ये अंजाम मुझे क्या कोई समझाएगा
दर्द भरी जिंदगी में अब तकलीफें बहुत
किस तरह दिल मेरा ये गम अब भुलाएगा।
अब मुहब्बत में गुमराह जब कर ही दिया
जीत हो या हार दिल यूँ ही
मुसकुराएगा

संध्या चौधुरी उर्वशी

राँची, झारखंड

परिचय-
बतौर लेखिका एवं कथक नृत्यांगना आप कार्यरत है, आपकी शिक्षा एमए (मनोविज्ञान) में हुई। कई सम्मान से सम्मानित संध्या चौधुरी की रचनाएँ कई पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।