लगा लो गले

0 0
Read Time1 Minute, 22 Second

sourabh
टूटे हुए दिल को फिर से जोड़ने आया हूँ,
मैं तुम्हारे दिल में घर अपना बनाने आया हूँ।

तुम रुठी रहो मुझसे अनोखे से अंदाज में,
मोहब्ब्त भरे अंदाज से तुम्हें मनाने आया हूँ।

गई थी तुम,मेरी चाहत की गली छोड़कर,
आज अपने दिल में तुम्हें बसाने आया हूँ।

ओ प्रिये,अब मान भी
जाओ,
प्यार भरी कायनात
साथ लाया हूँ।

वादा है कभी होगा नहीं जहाँ पतझड़,
मोहब्बत की सौगात साथ लाया हूँ।

तुम्हारे सिवा बची नहीं कोई चाहत,
हसरतों के सब द्वार बंद कर आया हूँ।

लगा लो गले,भर लो न मुझे बाँहों में,
साँसों की बहुत थोड़ी मोहलत लाया हूँ।

अटकी है जान बस तुम्हारी नजर को,
खुदा से जिंदगी को,दो पल उधार लाया हूँ।

                                                                         #सौरभ जैन(उज्जवल)

परिचय : रचनाकार बनाने की दिशा में सौरभ जैन का प्रयास जारी है। रामपुर मनिहारिन( जिला-सहारनपुर) के निवासी हैं और बी.कॉम.कर लिया है। २२ वर्ष के सौरभ शायरी व छंदमुक्त काव्य रचना को अधिक पसंद करते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

क्योंकि मैं मजदूर हूं..

Fri May 19 , 2017
क्योंकि मैं मजदूर हूं, तन से भी और मन से भी बोझा उठाता हूं। क्योंकि मैं मजदूर हूं? खिलाता,खाता कमाकर के निठल्ला कहलाता हूं। क्योंकि मैं मजदूर हूं? हर आते और जाते को ठोंकता सलाम हूं। क्योंकि मैं मजदूर हूं। मजदूरी सभी को खलती, खैरात में पलता हूं। क्योंकि मैं […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।