किश्तो में सही मुहब्बत को तू कर्ज देकर जाए । सूद समेत लौटाउगी थोड़ी सी मोहलत भी तू दे जाए वक्त भी है फुर्सत भी है कुछ वादा करके ही जाए पुरानी पड़ी दिल में यादों को ताज़ा करके जाए मुझे क्या पता वो लौट कर आए या ना आए […]

हम ने प्यार किया है उन से, अब उन को न छोड़ेगे, हमे ऐसे परेशान न कर जमाने वाले, हम खुद बता देगे बस हमे चैन से जीने दे। हम ने हाथ उन का पकड़ा है, जिंदगी भर साथ निभाने को, हम खुद बता देगे जमाने को, बस हमे अपने […]

इस तरह कैसे मैं रोकू खुद को उन से बात करने को, मैं उस तरह उन के नम्बरो को देख लेता हूं, उन में छुपी उन की यादों को ढूंढ लेता हूं, सायद वो भी बैठे होगे मेरी याद में तनहा, तभी चाँद के पहले मुझे याद कर लेते है। […]

मैं अपने चाँद से बहुत प्यार करता था और उस के आने के इंतजार में घर के चौबारे से उस का इंतजार करता था आज मैंने अपने चाँद को देखा जो बदलो छिपता ओर निकलता था, मैं उस चाँद के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता था, परंतु वो चाँद […]

वीणावादिनी के वरण्य ज्ञान के सागर आपर नवल सृजन के स्वप्न दिखाएँ आपसे मिला यह पौरुष हमें नित वन्दन चरण आपके। असतो माँ सद्गमय से तमसो माँ ज्योतिर्गमय तक सब आपका ज्ञान मार्ग समरसता का दीप जलाने आये समाज में आप -ज्ञान का दीप जलाकर अलौकित कर दिये मन उदभाषिता […]

दोस्त हमारे जीवन का सब से अमूल्य उपहार है, जो हमे बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है, हमे किसी भी कठिनाई से बाहर निकाल सकता है, हमे जीने की वजह देता है, जिसके बिना बचपन और जवानी कांटो के समान लगती है, जिसके होने पर यह जीवन गुलाब के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।