प्रेम

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प्रेम कोई फ्रेम नही है
यह सुकून भरा कोना है।
जहां मन होता प्रफुल्लित
प्रेम नाम ऐसा सलोना है ।।

प्रेम कोई कच्चा धागा नही
खुशियों का एक पालना है ।
जीवन आनंद की सच्चाई
का प्रेम ऐसा आईना है ।।

प्रेम कोई मजहबी नही
प्रेम तो हर में मन समाया है ।
प्रेम से सबकुछ पाया हमने
प्रेम बिना नही कोई मायना है ।।

#गोपाल कौशल

परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।

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