नया भारत बनायेंगे

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ajay ahsas
देश के लिए जिन्होने सुख सुविधाएं छोड़,
त्याग जो किया दुनिया को बतलायेंगे।
बाबा के बतायें हुए रास्ते पे चलकर,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
जाति धर्म सम्प्रदाय वाली बातें भूल प्यारे,
आज इक दूसरे को गले से लगायेंगे।
बाबा साहब सपनों में देखे जिस भारत को,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
मानव में विभेद जो है उसको मिटाने खातिर,
समता विरोधियों से हम भिड़ जायेंगे।
प्रेम से भरा हुआ हो पुलकित सभी का मन,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
बाबा के बतायें हुए अनमोल वचनों की,
लेते हैं शपथ आज हम अपनायेंगे।
गिरे को उठायेंगे हम गले से लगायेंगे,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
जुल्म के खिलाफ संघर्ष करते रहे वो,
जुल्म के खिलाफ सबको लड़ना सिखायेंगे।
शान्ती ही शान्ती की कामना करें सदा ही,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
कई वर्षों से शोषितों को वरदान दे दिया,
हम भी ऐसे ही कई बदलाव लायेंगे।
दीन हीन आंसुओं को मुस्कान में बदल के,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
उजड़ों की दुनिया बसाकर चले गये वो,
बाबा साहब आपको न हम भूल पायेंगे।
दर्द लेकर मुस्कान बांटते रहेंगे सदा,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
खुद नही सोये चिन्ता करें जागते रहे,
कहते थे एक दिन बदलाव लायेंगे।
किये ऐसा परिवर्तन दुनिया सलाम करे,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
खुशी अपनी भूलकर सबको हंसा दिया,
सोचते थे एक दिन सब मुस्कायेंगे।
मुरझाये चेहरे देख खुद दुखी होते हम,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
नही बैर भाव पनपे रहे भाई चारा प्रेम,
सद्भावना का पाठ जग को पढ़ायेंगे।
बाबा साहब के पढ़ाये पाठ अनुकरण कर,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
ऊंच नीच वाली बात छोड़ छोड़ दुष्टों का साथ,
पीढ़़ियों को अपने अच्छी बात समझायेंगे।
खुद को बदल हम बदलें समाज को भी,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
खुद को समर्पित किये ऐसे महामानव के,
चरणों में अपना श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।
बाबा के विचार जान उनको ही प्राण मान,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।
करें एहसास हुई जो नाइन्साफी कभी,
अब न भविष्य मे हम उसे दुहरायेंगे।
आपस में भाई चारा प्रेम बस लक्ष्य हो कि,
आइये हम मिलके नया भारत बनायेंगे।।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।