उपराष्ट्रपति ने माना ब्रह्माकुमारीज जैसा संगठन दुनिया मे कोई दूसरा नही

0 0
Read Time10 Minute, 26 Second

अहिन्दी भाषी एम वेंकैया नायडू बोले हिंदी में
ब्रह्माकुमारीज के वैश्विक शिखर सम्मेलन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज जैसा कोई अन्य संगठन पूरी दुनिया नही है जो अध्यात्म, सुसंस्कारों के रास्ते सरकार की जन कल्याण योजनाओं को भी आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प हो ।उन्होंने कहा कि यहां आना उनके लिए सौभाग्य की बात है।उन्होने धर्म के नाम पर अराजकता फैलाने वालों को भी आड़े हाथों लिए और ऐसे लोगो को ब्रह्माकुमारीज से सीख लेने की नसीहत दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक से मुक्ति का आव्हान भी किया।उन्होने माना कि बिना अध्यात्म के विश्व शांति की कल्पना नही की जा सकती।दादी जानकी को प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता ब्रांड अम्बेडस्डर बनाये जाने को एक सार्थक कदम बताया। राजस्थान के आबू रॉड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय शांति वन में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में जब व्हील चेयर से 103 वर्षीय संस्था प्रमुख दादी जानकी मंच पर पहुंची और दीप प्रज्ज्वलन के लिए जाने लगी तो स्वयं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू उन्हें उनका हाथ पकड़ कर दीप प्रज्ज्वलित कराने ले गए। अतिरिक्त प्रमुख़ दादी रतनमोहिनी,संस्था महासचिव बीके निर्वेर भाई,कार्यकारी सचिव बीके मृतुन्जय भाई की गरिमामयी मौजूदगी में उपराष्ट्रपति ने देश व मानवता के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्था को एक वरदान बताया। अहिन्दी भाषी होते हुए भी उन्होंने अपने उदबोधन की शुरुआत हिंदी से की और विदेशी श्रोताओं के लिए अपने उदबोधन का अंग्रेजी में अनुवाद भी साथ साथ किया।राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी ब्रह्माकुमारीज संस्था को भारत की ही नही विश्व की कल्याण कारी संस्था बताया।उन्होंने मानवता, शांति,सद्भावना ,रचनात्मकता आदि क्षेत्र में ब्रह्माकुमारीज के योगदान की सराहना की।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल, राजस्थान के मंत्री सुखराम बिशनोई,, अनेक सांसदों,विधायकों के साथ साथ अनेक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, प्रति कुलाधिपति प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।एक अक्टूबर तक चलने वाले इस वैश्विक शिखर सम्मेलन में श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के साथ मूल्यपरक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू करने का करार भी किया जा रहा है।जिसके लिए विश्विद्यालय के प्रति कुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी व ब्रह्माकुमारीज की ओर से बीके मृतुन्जय भाई सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे।एकता,शांति और सम्रद्धि के लिए अध्यात्म जरूरी विषय पर ब्रह्माकुमारी का वैश्विक शिखर सम्मेलन में जज,राजदूत,विभिन्न क्षेत्रों की शीर्ष हस्तियां शामिल हो रही है।
दुनियां के 137 देशों में साढ़े आठ हजार सेवा केंद्रों के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज संस्था से जुड़े 15 लाख भाई बहन परमात्मा शिव द्वारा प्रदत्त ज्ञान संसार भर में बांटकर संसार को विकारो से मुक्त कर व सद्गुणों को फैलाकर चरित्र निर्माण का अनूठा अभियान चला रही है।संस्था के इसी अभियान से दुनिया के शीर्ष लोगो को रूबरू कराने और ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा तैयार मूल्यपरक शैक्षणिक पाठ्यक्रम को विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में लागू कराकर नई पीढ़ी का भविष्य संवारने की तैयारी का हिस्सा ही यह वैश्विक शिखर सम्मेलन कहा जा सकता है। इस सम्मेलन में जानी मानी जीवन प्रबन्धन प्रेरक बीके शिवानी ने भी मेडिटेशन सत्र में उपस्थित लोगों को सकारात्मक जीवन प्रबंधन का पाठ पढ़ाया।संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके रतनमोहिनी दादी व वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके चंद्रकला बहन ने भी रूहानियत का ज्ञान दिया।ज्ञानामृत पत्रिका के मुख्य सम्पादक बीके आत्म प्रकाश भाई,मीडिया प्रभाग के कोमल भाई के साथ साथ केंद्र व राज्य सरकारों के करीब एक दर्जन मंत्री,डेढ़ दर्जन सांसद,विभिन्न राज्यो से तीन दर्जन से अधिक विधायक, कई उच्चकोटी के सन्त,दुनिया मे अपने विशिष्ट सेवा कार्यो से चर्चित हस्तियां, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, प्रतिकुलाधिपति,कुलपति,विभिन्न शीर्ष स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रमुख, केंद्र व राज्य स्तर के अनेक नोकरशाह ,मीडिया क्षेत्र से की जानी मानी हस्तियां, पदम् पुरुस्कारों से सम्मानित अनेक विभूतियां इस वैश्विक शिखर सम्मेलन का खास आकर्षण बनी हुई है।सम्मेलन में कई नियमित मेडिटेशन सत्र चल रहे है,साथ ही कई पैलनरी सत्र भी विषय पर केंद्रित विचार मंथन कर रहे है।सम्मेलन में जिन विषयो पर चर्चा हो रही है उनमें सामाजिक दायित्व के लिए मीडिया की भूमिका, वैश्विक रूपांतरण के लिए नारी शक्ति का योगदान, नई शिक्षा से नई दुनिया बनाने की सोच,ईश्वरीय ज्ञान बौद्धिकता से मानव ह्रदय परिवर्तन, समाज मे सामाजिक न्याय की स्थापना, पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रोत्साहन ,अच्छी दुनिया बनाने के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी अध्यात्म जरूरी,संसार को सुखद व स्वस्थ बनाने के लिए पवित्र जीवन एक उपाय आदि विषय समाहित किये गए है।

#श्रीगोपाल नारसन

परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा भारत गौरव

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

फूल

Sun Sep 29 , 2019
रखूँ किस पृष्ठ के अंदर, अमानत प्यार की सँभले। भरी है डायरी पूरी, सहे जज्बात के हमले। गुलाबी फूल सा दिल है, तुम्हारे प्यार में पागल। सहे ना फूल भी दिल भी, हकीकत हैं, नहीं जुमले। . 🥬🥬🥬 सुखों की खोज में मैने, लिखे हैं गीत अफसाने। रचे हैं छंद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।