बडी़ उम्र का प्यार

0 0
Read Time1 Minute, 21 Second

बड़ा साधारण सा व्यवहार होता है..
जो यह बड़ी उम्र का प्यार होता है..
उन की झुर्रियां भी प्यारी लगती है..
उनकी बातें सारी न्यारी लगती है..
आंखों में आकर्षण बेशुमार होता है..
जो यह बड़ी उम्र का प्यार होता है..
उनके कानों पर रंगे कुछ सफेद बाल..
उनके सुलझे हुए बेरंग कुछ सवाल..
उनके कांधे पे सर रखके सो जाना..
उनसे लिपट करके कभी रो जाना..
उनकी चाहत में तजुर्बा बेशुमार होता है..
जो यह बड़ी उम्र का प्यार होता है..
उनके चेहरे का कशिश भरा सांवला रंग..
उनकी बातों में कुछ पाने का उतावलापन..
उनकी रंगी जुल्फों से उतरा हल्का रंग..
सच में सब गजब का श्रृंगार होता है..
जो यह बड़ी उम्र का प्यार होता है..
वो ईशारों में सब कुछ कह जाते हैं..
वो चुपके से कई बार मुझको छू जाते हैं..
उनके अधरों पर ठहरे अनगिनत सवाल..
उनके गले पर पसीने से चिपके दो बाल..
हाय कयामत उनका हर अंदाज होता है..
यह जो बड़ी उम्र का प्यार होता है..

#सचिन राणा हीरो

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

राष्ट्र जब-जब रोता है,रावण जोरों से हँसता है

Sat Sep 28 , 2019
यहाँ राम नहीं, यहाँ कृष्ण नहीं रावणों का दरबार लगा है, कुम्भकर्ण सब सोये हैं विभीषण की आवाज नहीं। मंदोदरी सब रोती हैं सीता धरती में समायी हैं, लक्ष्मण सारे मूर्छित हैं, भरत सिंहासन से दूर खड़े हैं। प्रजा सब मूक बनी है रावणों का दरबार लगा है, राजनीति की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।