कुण्डलिया छंद विधान

0 0
Read Time4 Minute, 0 Second

सुन्दर दोहा लीजिए, सुन्दर भाव बनाय।
तेरह ग्यारह मात्रिका, चरणों वार लगाय।
चरणों वार लगाय, चरण अंतिम दोहे का।
रोला छन्द बनाय, चरण पहला रोले का।
पहला दोहा शब्द, अंत रोले के अन्दर।
भरें भाव भरपूर, बने कुण्डलिया सुन्दर।
. …..बाबू लाल शर्मा

प्रथम दो पंक्ति दोहा (१३,११ )
दोहे के प्रथम व तीसरे चरण में १३,१३ मात्राएँ अंत में २१२ या१११

दोहे के दूसरे व चौथे चरण में ११,११ मात्राएं व अन्त में तुकान्त में एक गुरु एक लघु।

चार चरण रोला के
२४ मात्रा प्रत्येक में
११,१३
यति ११ पर

दोहे का अंतिम चरण रोला प्रथम बनाय।
दोहे का ले शब्द प्रथम, रोला अंत सुनाय।।


अर्थात….

पहला दोहा,

फिर पहले दोहे के अंतिम चरण को लेते हुए रोला(अंत में गुरु,गुरु)

फिर रोला।।

प्रथम व अंतिम शब्द समान हो।
अर्थात जहाँ से शुरू वहीं से समापन हो, सर्प की कुण्डली की तरह फन एवं पूँछ एक साथ 🙏

रोला:-११,१३ मात्रा से लिखा गया छंद:-
११,मात्रिक प्रथम व तृतीय चरण (विषम चरण) का अंत गुरु लघु (२ १) से हो

१३ मात्रिक द्वितीय व चतुर्थ चरण (सम चरण) का अंत २ २ या २ १ १ से हो।
………………………..बाबूलालशर्मा
उदाहरण– – –
जगती की शोभा सदा, जीवन पानी पेड़।
प्राणवायु मिलती सखे, वृक्ष रोपि पथ मेड़।
वृक्ष रोपि पथ मेड़,जगह जो भी मिल जावे।
श्यामा पर ये पेड़, मेह घन श्याम बुलावे।
कहे ‘लाल’ कविराय,धरा मनभावन लगती।
पर्यावरण सुधार, बने स्वर्गिक जग जगती।
👆 इस तरह चौकल शब्द से ही शुरुआत करें।

विषम परिस्थितियों में इस तरह भी लिख सकते हैं👇
. करवा चौथ
. कुण्डलिया छंद
. 🌙🌙🌙🌙
चौथ व्रती बन पूजती, चंदा चौथ चकोर।
आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर।
यह उपवास कठोर , पूजती चंदा प्यारा।
पिया जिए सौ साल, अमर संयोग हमारा।
कहे लाल कविराय, वारती जती सती बन।
अमर रहे तू चाँद, पूजती चौथ व्रती बन।
. 🌙🌙🌙🌙
नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान।
पति की लम्बी आयु हो, खूब बढ़े जग मान।
खूब बढ़े जग मान, करे उपवास तुम्हारा।
मात चौथ सुन अर्ज , रहे संजोग हमारा।
कर सोलह सिंगार, निभाये प्रीत यहाँ दिन।
पति हित सारे काज, करे ये नारि सुहागिन।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दिल लगा या…

Thu Aug 29 , 2019
दिल लगता नही, अब तेरे बिना। कैसे धड़क रहा है, अब तेरे बिना। मुझको पता नहीं हैं, ये क्यो धड़क रहा। तुम मेरे दिल में, क्यों बस गए हो? अब तुम ही तुम, साथ रहते हो। कसम से तुम्हारी, मुझे कुछ नहीं पता। क्या कर दिया तुमने, मेरी दिल रुबा। […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।