तब केवल हम होंगे

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sachin

जीवन की झोली में जब केवल गम होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
जब दौलत अच्छी ना लगेगी शोहरत से जी घबराएगा,
एक दूजे को देखे बिना तब चैन नहीं आ पाएगा,
भीड़ भरे आंगन में भी जब तन्हा केवल हम होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
जब आंखों में धुंधलाहट होगी कान नहीं सुन पाएंगे,
तब एक दूजे के हाथों में हाथ हम ही दे जायेंगे,
उस पावन क्षण में हम दोनों एक दूजे के रब होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
जब सारी बातों में केवल हम अपनी ही बात करेंगे,
जब बीते सारे लम्हों को हम दोनों याद करेंगे,
दम भरते भरते जीवन का जब हम बेदम होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
 बुढ़ापा जीवन की सच्चाई समय का यह प्रहार है,
पूरे जीवन की कमाई केवल हम दोनों का प्यार है,
 तब माथे के चुंबन से दूर हर शिकन होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
जीवन की झोली में जब केवल गम होंगे,
जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे,
सचिन राणा हीरो

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