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लोग मेरी मुस्कान का राज पुछते हैं I
क्योंकि,
मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की I
जिंदगी से जो मिला कबूल किया I
किसी चीज की फरमाइश नहीं की।।
मुश्किल है समझ पाना मुझे I
क्योंकि,
जीने के अलग है अंदाज मेरे I
जब जहां जो मिला अपना लिया I
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की।।
भले ही लोगो ने मुझे दर्द लाखो दिए।
क्योकि ,
मैंने हमेशा परिस्थितियों से लड़ना जो सीखा।
कामयाबी मिल गई तो भी ज्यादा खुश नहीं हुआ।
न मिली तो भी अपने गमो की शिकायत नहीं की।।
जब भी सफलता ने मेरे कदमो को चूमा।
क्योकि,
मैंने संघर्ष करने से कभी हार जो न मानी।
दिलो जान से हमने इसे जो अपनाया है।
अब परीक्षा फल आने पर भी इसे हमने तबज्जो न दिया।।
मेरा जिंदगी को जीने का लोगो यही राज है।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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Sun Jul 21 , 2019
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