जिंदगी यही तो है…

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sunil goyal

जिंदगी यही तो है…
कुछ पूरी कुछ अधूरी…
परिवार साथ है तो पूरी…
और दूर, तो अधूरी…
एक ऐसी प्यास जो ना बुझती कभी…
ऐसी भूख जो ना लगती कभी…
एक अहसास है…
कुछ पाने का कुछ खोने का…
यही तो है जिंदगी…
कुछ पूरी कुछ अधूरी।

सांसें नहीं है जिंदगी…
जिंदगी वो उमंग है,
जो उम्मीदों के घर में रहती है…
कुछ टूटे सपने, कुछ छूटे अपने…
कुछ बनती बातें, कुछ बिगड़ी बातें…
कभी तन्हा, तो कभी शोर…
ये जिंदगी ही तो है…
कुछ पूरी कुछ अधूरी।

ठहरती नहीं बस…
भागती ही है…
तभी तो खास है…
ना परवाह किसी की, कौन साथ है…
ना परवाह कौन जुदा है…
बस चलती है अपनी ही धुन में…
ना रूकती किसी के लिए…
सोचो तो कुछ भी नहीं…
और सोचो तो सब कुछ…
कुछ पाने की उम्मीद है…
कुछ खोने का डर…
जिंदगी ही तो है…
कुछ पूरी कुछ अधूरी।

बड़ी खवाहिश भी है…
छोटी मुस्कान भी है…
कुछ प्यार है…
कुछ दर्द भी…
कुछ विश्वास है, कुछ धोखा भी है…
कभी मर्जी से चले हमारी कभी खुद की…
जिंदगी यही तो है…
कुछ पूरी कुछ अधूरी।

कभी सब चाहिए…
कभी कुछ भी नहीं…
कभी रूकना ही नहीं…
कभी चलना ही नहीं…
कभी रास्ते खुलें
कभी सब बंद..
क्या क्या करवाती है…
और करवाती कुछ भी नहीं…
यही तो है जिंदगी…
कुछ पूरी कुछ अधूरी।

#सीए सुनील गोयल
भिवानी(हरियाणा)

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