राधा रानी की प्रेम गीत

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aashutosh kumar
प्यार में सुध-बुध खो बैठी
इस कदर दिवानी हुई
मेरे प्यार की कहानी तो अब
सबकी जुबानी हुई।
मैं तो तूझ में समायी हुई
प्रेम की सागर में गोते लगाती हुई
तेरे प्यार में सुध बुध खो बैठी
इस कदर दिवानी हुई
मेरे प्यार की कहानी तो अब
सबकी जुबानी हुई।
लाख कोशिशे कर लो अगर
दिल न तोड पाओ अगर
रिश्तों के दास्ता तो अब
सबकी जुबानी हुई
तेरे प्यार में सुध बुध खो बैठी
इस कदर  दिवानी हुई
मेरे प्यार की कहानी तो अब
सबकी जुबानी हुई।
तड़प कर आह सी निकली
जब निगाहों का सामना हुआ
देखते ही तुझे न जाने क्यों
हाल वही पुराना हुआ
तेरे प्यार में,सुध बुध खो बैठी
इस कदर दिवानी हुई
मेरे प्यार की कहानी तो अब
सबकी जुबानी हुई।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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