पहले खुद सुधरे

0 0
Read Time2 Minute, 12 Second
niraj tyagi
अंकुर बड़ी तेजी से अपने घर की तरफ अपनी कार को दौड़ाता हुआ जा रहा था पता नहीं उसके मोबाइल पर घर से क्या खबर आई और वह अचानक अपने ऑफिस से निकला और घर पहुंचने की जल्दी में कार को तेजी से दौड़ाया।
        घर पहुंचकर अपने पिता को अस्पताल की और तेजी से ले चला।पूरे रास्ते अपनी माँ और पिता से लड़ता रहा। मम्मी मैं पापा को कितने समय से समझा रहा हूँ कि सिगरेट और शराब छोड़ दे लेकिन ये मानते ही नही, सारा काम-धाम डिस्टर्ब हो जाता है।
         हॉस्पिटल पहुंचकर अंकुर के पिता के सारे टेस्ट हुए और टेस्टों के बाद पाया गया कि उन्हें अब बाईपास सर्जरी की जरूरत है।अंकुर इस बात से बहुत परेशान था।घर का इकलौता बेटा होने के कारण अब पिता की देखरेख के लिए उसे हॉस्पिटल में रुकना पड़ेगा।
         जिसकी वजह से उसका काम में काफी ज्यादा दिक्कत आएगी।पिता का बाईपास कराने के बाद डॉक्टर उन्हें आईसीयू में ले गए।अंकुर के पिता अब ठीक है।शाम को जब अंकुर के ऑफिस के मित्र उससे मिलने के लिए आए तो अंकुर उन्हें लेकर बाहर आया और बोला यार बहुत ही परेशान महसूस कर रहा हूं आओ चलो कहीं चल कर ड्रिंक लेते हैं।
        अंकुर के ऑफिस के साथियों में से एक साथी बोला यार तुम किस मुँह से अपने पिता को समझाते हो।जिस काम के लिए तुम उन्हें मना करते हो रोज शाम को उसी काम को खुद करने बैठ जाते हो।अंकुर अपने मित्र की यह बात सुनकर स्तब्ध रह गया और उसके पास कोई भी जवाब नहीं बना।
#नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कैसी धूप कैसी छाँव

Thu Jun 6 , 2019
प्रकृति को समर्पित दुनियाँ भर में मनाया जाने वाला उत्सव ‘पर्यावरण दिवस’ आज एक वैश्विक मंच के रूप में स्थापित हो चुका है हम देखते हैं कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में ‘पर्यावरण’ के घटकों जैसे वृक्षों को पूज्य मानकर उन्हें पूजा जाता है हमारे वेद, पुराण, शास्त्रों […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।