हवा भी छू के जाये बेरुख़ी से

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anjali sifar
हवा भी छू के जाये बेरुख़ी से
गुज़रता हूँ मैं जब उसकी गली से
है मेरी भूल कर बैठा मुहब्बत
शिक़ायत क्या करूँ मैं अब किसी से
सितारों की रिदा में छुप गयी वो
कहा है चाँद ने क्या चाँदनी से
लुटा बैठा हो जो दिल की ही दौलत
डरेगा वो भला क्या रहजनी से
बढ़ा ले अब कदम घर की भी जानिब
कोई कह दो मेरी आवारगी से
है सूखा अश्क़ जब तो आँख में क्यूँ
अभी तक ठहरी है पूछो नमी से
करे जो बेवफ़ाई हर कदम पर
‘सिफ़र’ चाहे वफ़ाएँ क्यूँ उसी से
#अंजलि ‘सिफ़र’
परिचय-
अंजलि ‘सिफ़र’
नाम-अंजलि ‘सिफ़र’
साहित्यिक उपनाम- ‘सिफ़र’
पता- अम्बाला शहर(हरियाणा)
शिक्षा-एम०ए०(अंग्रेज़ी) एम०एड०
कार्यक्षेत्र-अध्यापन
विधा -कविता,ग़ज़ल,लघुकथा, कहानी, विभिन्न छंदों में काव्य रचना
प्रकाशन-लगभग 25 पत्र ,पत्रिकाओं एवं साझा संकलनों में काव्य एवं गद्य रचनाएं प्रकाशित। 
सम्मान-सोशल मीडिया के साहित्यिक समूहों में रचनाएँ पुरस्कृत, मंचों पर काव्य पाठ हेतु सम्मानित
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ-
लेखन का उद्देश्य-सार्थक सृजन कर समाज और ख़ुद को सकारात्मक पथ पर बढाना

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।