स्वरों से सजी है व्यंजन भी सभी हैं , यह हिंदी हमारी है प्राणों से प्यारी। संस्कृत से जन्मी है उर्दू की बहन है, मातृभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। भावों से प्रवाहित व्याकरण से प्रकाशित, राजभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। ये है भारत की पहचान ये है भारत […]

किसी ने सच ही कहा हैं कि “मीडिया ऐसा टकसाल हैं जहां भाषा  गढ़ती यां सृजित होती हैं !”     निःसंदेह आज हिंदी रूपी नन्हा पौधा न केवल भारत देश के कोने कोने में वरन संपूर्ण धरा पर वट वृक्ष की भाँति अपनी जड़ें फैलाकर गहरी पैठ करने में सफल […]

हवा भी छू के जाये बेरुख़ी से गुज़रता हूँ मैं जब उसकी गली से है मेरी भूल कर बैठा मुहब्बत शिक़ायत क्या करूँ मैं अब किसी से सितारों की रिदा में छुप गयी वो कहा है चाँद ने क्या चाँदनी से लुटा बैठा हो जो दिल की ही दौलत डरेगा […]

शुक्रिया ए बीते वर्ष! कैसे भूलूँ कि तेरी ही बुनियाद पर खड़ी है मेरे इस नव वर्ष की इमारत। तेरे ही ककहरे ने लिख दी है मेरे जीवन की इक नई इबारत। वादा दिया नया इरादा दिया तेरे नाम के आगाज़ के साथ ही  सुंदर सा अंजाम भी दिया। तेरे […]

जब भी खोली मन की किताब पन्ने सारे सफेद मिले ऐसा लगा कि जीवन सारा श्वेत जल की धारा सा रहा जीवन के इस सफर में लोग तो अनगिनत मिले पर ऐसा कोई न मिला जो मेरा हमसफ़र बने अनगिनत लम्हे ,यादें व सुनहरे पल इन यादों को देते हैं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।