बाँटते चलो

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dhanraj vaani
पैसो का दान करतें हो
शिक्षा का भी दान करों
जो भी है पास तुम्हारें
 झोली किसी की भरो
दो वक्त की रोटी तो
कही से भी जुटा लेंगे
शिक्षा होगी पास में
परिवार भी चला लेंगे
भटकेगे न इधर-उधर
पुस्तकों में ज्ञान भरा है
अनुभव में ही  शिक्षा है
उसमे ही संम्मान भरा है
अनुभवों को बाटों तुम
अनुभवों से पाओ तुम
अनुभव से मिले जहा
जीवन में अपनाओ तुम
निश्चित मिलेगी राह तुम्हें
मंजिल भी मिल जायेगी
ओरो को राह दिखाने
बुद्धि सबमें फिर आएगी
सही दिशा में कदम बढ़े
सही दिशा दिखलाओ तुम
भटके हुऐ राहगीर के
हमसफर बन जाओ तुम
#धनराज वाणी
परिचय– 
श्री धनराज वाणी  ‘उच्च श्रेणी शिक्षक’ हाई स्कूल उबलड विकास खण्ड जोबट जिला अलिराजपुर में 30 वर्षो का सेवाकाल (मूल निवास जोबट)
जन्म स्थान जोबट(मध्यप्रदेश)
पत्नि का नाम -कविता वाणी (प्राचार्य )इनकी भी साहित्य में रुचि व महिला शसक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य व आकाशवाणी मे काव्य पाठ किया
2.शिक्षा-एम.ए.बी.एड.(समाजशास्त्र)
3.रुचि-साहित्य व रचनाकार 
विषय-वीरस,चिंतन,देशभक्ति के गीत व कविताओं की रचना
4.उपलब्धियां-आकाशवाणी इंदौर से 7 बार काव्य पाठ किया व स्थानीय,जिलास्तरीय व अखिल भारतीय मंचो से भी  काव्यपाठ किया!
वर्तमान में अर्पण कला मंच जोबट मे साहित्य प्रकोष्ठ का प्रभार है.
5.बचपन से साहित्य के प्रति  रुचि व हिन्दी के प्रति प्रेम

matruadmin

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