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मन की खामोशियाँ भी
एक अजीब एहसास होती हैं
नयन सूखे , होंठ रूखे लेकिन
दिल में आँसुओं की
बरसात होती है
दर्दों में सिमटी हुई मैं
ढूंढ नहीं पाती अपने ही निशाँ
जो राह कल तक पहचानी थी
वो राह भी अब अनजान लगती है
तेरी आँखों का समंदर जिसमें
प्यार का सैलाब उमड़ता था
तेरा वो मासूम चेहरा जिसमें
मेरा ही अक्स उभरता था
तेरी वो हँसी , तेरी वो बातें
जिनपे मरती थी रिनमित
अब उन बातों में भी
बेवफाई की बात होती है।
#रिंकल शर्मा
परिचय-
नाम – रिंकल शर्मा
(लेखिका, निर्देशक, अभिनेत्री एवं समाज सेविका)
निवास – कौशाम्बी ग़ाज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश)
शिक्षा – दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक , एम ए (हिंदी) एवं फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा
अनुभव – 2003 से 2007 तक जनसंपर्क अधिकारी ( bpl & maruti)
2010 – 2013 तक स्वयं का स्कूल प्रबंधन(Kidzee )
2013 से रंगमंच की दुनिया से जुड़ी । बहुत से हिंदी नाटकों में अभिनय, लेखन एवं मंचन किया । प्रसार भारती में प्रेमचंद के नाटकों की प्रस्तुति , दूरदर्शन के नाट्योत्सव में प्रस्तुति , यूट्यूब चैनल के लिए बाल कथाओ, लघु कथाओंं एवं कविताओं का लेखन । साथ ही 2014 से स्वयंसेवा संस्थान के साथ समाज सेविका के रूप में कार्यरत।
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Sat Mar 9 , 2019
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