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कितने वर्षो से हम, सब सह रहे है ,
खून के घूट मानो, कब से पी रहे है /
कब तक जवानो को, यूही शहीद करवाओगे,
मर्द होकर भी क्यों, हम नामर्द कहलायेंगे ?
बंदकरो अब ये, राजनेताओ की वार्तालाप,
साथ ही बहुत करलिए, शांति के प्रयास /
गोली बारूद का जबाव, गोली बारूद से दो,
दे दो आदेश फौज को, पाकिस्तान कोअब मिटा दो //
पाकिस्तान की बुजदिली, को कब सहते रहेंगे,
कब तक हम पडोसी, धर्म को निभाते रहेंगे /
फूंक दो बिगुल रण का,अब बातों में क्या रखा है,
दिखाने दो सेना को शौर्य, जो सीने में दबा रखा है //
हर हिंदुस्तानी अब साथ, लड़ने को तैयार है,
वतन के नाम पर कुर्बानी, देने को वो तैयार है /
हो जाने दो पाकिस्तान से, लड़ाई इस बार,
नामो निशान मिट जायेगा, उसका अब की बार /
तभी सच्ची श्रध्दांजलि दे पाएंगे, शहीदों को इस बार /
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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