हो ये नया साल ऐसा कि, इंसान इंसान का दुश्मन बने ना!
किसी के बोले कड़वे शब्द, किसी पर खंजर बन तने ना!!
किसी पुरुष के लांछन की, ना शिकार हो कभी कोई नारी!
ना घुट-घुट कर जिए कोई, सुकूँ से बिता सके जिंदगी सारी!!
ना कत्ल हो किसी का किसी से, ना कोई आत्महत्या की सोचे!
ढकने को खुद की खताओ को, ना औरों में कमिंया खोजे..!!
ना रिश्वतखोरी हो कहीं, ना रुध्न हो किसी अबोध बालिका का!
ना उजड़े कोई भी उपवन, ना बलात्कार हो किसी कलिका का!!
खिला खिला हो हर कोई चेहरा, हर रिश्ता भी हो गहरा सा!
स्वर्णिम सी हर गोधूलि हो, और हर भोर भी हो सुनहरा सा!!
#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।