तीन-तालाक

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aashutosh kumar
तालाक तालाक तालाक
बन गया है
इतिहास इतिहास इतिहास।

वर्षो से खाभोश थे चेहरे
अपनी ही आवाज को
तरसते चेहरे।

खिल उठे है आज देखो
जब संसद मे हुए फैसले।

जुल्मो सितम की बेड़ियो
से निकलकर
मुस्कुरा रहे है सभी के चेहरे।

अब तो आजादी की जिन्हें पाबंदी थी
लटक रहे हैं उनके चेहरे।

बराबरी का हक जिन्हें था
वो तरस गये थे अपने हक को
जाति मजहब हावी था
लेकिन जीत होना वाजिव था।

जीत मिली है अब जबकि
तीन-तालाक का इतिहास बनना
मुनासिव था मुनासिव था।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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