सत्य बेचारा

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परमात्म यज्ञ भी प्रभावित हुआ
आदमी ही आदमी से दूर हुआ
ईश्वरीय विद्यालय में पढ़ाई नही
परमात्म वाणी किसी ने सुनाई नही
सत्संग को भी तरस गए है हम
सेवा के लिए नही जा पा रहे हम
जो मुरली में बताया वही हो रहा है
आदमी ही आदमी को खो रहा है
कही स्वार्थ, कही अहंकार बढ़ा है
विकारो से ग्रसित आदमी खड़ा है
इन्ही सबकी यह विनाशलीला है
सत्य बेचारा उपेक्षित सा खड़ा है।
#श्रीगोपाल नारसन

matruadmin

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मैया तेरा दरबार

Wed Oct 21 , 2020
सुंदर सुंदर प्यारा प्यारा ,मैया तेरा दरबार है, तेरे चरणों में शीश झुकाए,मैया सारा संसार है। माथे पे बिंदिया लाल लाल,होंठो की लाली लाल है, लाल लाल हाथों कि चूड़ी,गालों की लाली लाल है। सुंदर सुंदर प्यारा प्यारा ,मैया तेरा दरबार है, तेरे चरणों में शीश झुकाए,मैया सारा संसार है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।