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परमात्म यज्ञ भी प्रभावित हुआ
आदमी ही आदमी से दूर हुआ
ईश्वरीय विद्यालय में पढ़ाई नही
परमात्म वाणी किसी ने सुनाई नही
सत्संग को भी तरस गए है हम
सेवा के लिए नही जा पा रहे हम
जो मुरली में बताया वही हो रहा है
आदमी ही आदमी को खो रहा है
कही स्वार्थ, कही अहंकार बढ़ा है
विकारो से ग्रसित आदमी खड़ा है
इन्ही सबकी यह विनाशलीला है
सत्य बेचारा उपेक्षित सा खड़ा है।
#श्रीगोपाल नारसन
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