हिंदी प्रदेशो में भाजपा का बिखरना भाजपा के लिए चिंता का विषय

0 0
Read Time3 Minute, 50 Second
kapilesh sharma
ये पब्लिक है  सब जानती है ।
भाजपा का परंपरागत वोट बैंक हिंदी भाषी प्रदेश रहे है , इसे इस तरह नही लिया जा सकता कि कांग्रेस ने उसमे सेंध लगा दी अपितु इसे इस तरह लिया जाना चाहिए कि घर के बुजुर्ग ने लाठी दिखा कर अपने वंशज को राह अग्रसर की है सामने लोकसभा खड़ी थी , तीन राज्यो के चुनाव दहलीज पर आ खड़े हुए, दिशा देना थी सो दे दी ,अब आगे समझदार हो सम्हलो और रास्ता तय करो ।
परिणाम चौकाने वाले बिल्कुल नही है , जिस तरह की खामोशी आम मतदाता की सभी जगह देखी गयी वो इस तरफ इशारा करने  लिए पर्याप्त थी कि कहाँ गयी विचारधारा की राजनीति क्यो स्टैंड बदल रहे हो जो विचारधाराएं विरासत में मिली थी जिनके बुते जनाधार हासिल किया था उसे गौण कर कहाँ निकल के जाना है ।  दो लोग रास्ता तय करते है मंजिल एक ही है पर रहनुमा जो साथ आते है वो विचारधारा से प्रभावित होकर साथ आते है न कि मंजिल के मद्देनजर फिर आपने क्यो स्टैंड बदल लिया कमोबेश भाजपा के लिए तो यह बिंदु सोचनीय है । एस्ट्रोसिटी हो या धर्म का मामला हो , हनुमान का जाती प्रमाण पत्र हो अथवा कश्मीर मुद्दा ,राम मंदिर तो आपके लहू में बहता देख कुछ समुदाय आपसे अपने को जुड़ा मानता था । फिर आपने अपना बदला नजरिया क्यो पेश किया । मुझे ज्ञात है , उमा भारती जी को चेहरा रख मध्यप्रदेश में आप सत्ता विरोधी लहर के बाद काबिज हुए थे , विकास करके आपने आपने अपने को साबित किया , लोगो के दिलो में जगह बनाई सारे बिंदु भुला दिए गए , अचानक अपने चिरपरिचित अंदाज को बदल कर आप केवल अपना दायरा बदलने या कहें कि बढ़ाने के चक्कर मे घनचक्कर बन गए , जनता में संदेश गलत गया आपका स्टैंड जनता के समझ के परे गया , वो कंफ्यूज हुए और परिणाम आपके सामने है । ये समझना जरूरी हो गया कि जनता ने स्पष्ट बहुमत दोनो ही दलों को नही दिया छत्तीसगढ़ को छोड़ दे तो राजेस्थान और मध्यप्रदेश में बहरहाल यही देखने को मिला जी यहाँ वो सत्ता विरोधी लहर नही थी जो कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य को बहा कर ले गयी । यहाँ की सीमाएं और छत्तीसगढ़ की सीमाओं में फर्क रहा है गुजरात राजेस्थान मध्यप्रदेश , ये उत्तर प्रभावी राज्य रहे है , वही उत्तर प्रभावी जिनका रास्ता दिल्ली होकर जाता है , फिर जिसमे मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है वहीं राजेस्थान भारत की धार्मिक , संतो की भूमि रही है । अब समीक्षाकारो को इन सब बिंदुओं पर समीक्षा आरम्भ करना चाहिए की आखिर।चूक कहाँ हुई , जनता के हृदय को टटोलना जरूरी है , आखिर  ये पब्लिक है सब जानती है ।
#कपिलेश शर्मा “कपिल” 
परिचय – सेंधवा, जिला बड़वानी मध्यप्रदेश निवासी कपिलेश शर्मा ‘कपिल’ वरिष्ठ पत्रकार एवं चिकित्सक है |

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ऐसा हो मेरा भारत

Wed Dec 12 , 2018
मेरा प्यारा भारत ऐसा हो , जहाँ गंगा जमुनी तहज़ीब पले , धर्म के नाम पर ना हों दंगे,  हर चेहरे पर मुस्कान खिले।  बेईमानी भ्रष्टाचार के दीमक से,  हो जाए मुक्त भारत प्यारा,  गरीबी बेरोजगारी दूर हटे,  ना रहे कोई खुद से हारा। मेरा देश ना बने कभी , […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।