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मेरी माँ गीत है , प्यार संसार की,
मेरी माँ मुझको मिली है, फूल फुलवार की,
मेरी माँ हैं गीत हैं ,प्यार संसार की,
मेरी माँ मुझको मिली है,फूल फुलवार की,
पानी में भी खिले वो, मैथिल कमल सरोज है।
दीप की बाती वही, मुख मेरी वो ओज है।।
मेरी माँ गीत है प्यार संसार की ,।
मेरी माँ मुझको मिली है,फूल फुलवार की,।।
रात की चांदनी भी, अब मुझे निर्मोह है,।
मेरी मां मुझको तो केवल तेरी आँचल से मोह है,।।
मेरी माँ गीत है , प्यार संसार की,।
मेरी माँ मुझको मिली है फूल फुलवार की,।।
नाव के थपेड़ों में लिखा ,गीत पतवार की,
रो रहा वो खुदा भी ,दे उसे सूरत प्यार की,
मेरी माँ मुझको मिली है फूल फुलवार की
मेरी माँ गीत है , प्यार संसार की,
होऊं जब मैं मुसीबत में, तो निभाए किरदार यार की,।
माँ छंद में भी समाई ,तू तो वयाकरण प्यार की,।।
मेरी माँ मुझको मिली है ,फूल फुलवार की,।
मेरी माँ गीत है एक , प्यार सांसर की,।।
# ️दिप्तेश तिवारी
परिचय
नाम:-दिप्तेश तिवारी
पिता :-श्री मिथिला प्रसाद तिवारी(पुलिस ऑफिसर)
माता:-श्रीमती कमला तिवारी (गृहणी)
शिक्षा दीक्षा:-अध्यनरत्न 12बी ,स्कूल:-मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल रीवा
परमानेंट निवास:-सतना (म.प्र)
जन्म स्थल:-अरगट
प्रकाशित रचनाए:-देश बनाएं,मैं पायल घुँगुरु की रस तान,हैवानियत,यारी,सहमी सी बिटिया,दोस्त,भारत की पहचान आदि।
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