सकल सवल बन,
कटत जगत घन|
बढत सतत पथ,
सरल सरस बन||
अमय वचन झर,
उर सत तर कर|
हरत तमस मग,
हर पल हर क्षण||
बम बम सब भज,
अधम सकल तज|
सहज मदद कर,
जन जन तन मन||
करत करम रत,
जगत रहत नत|
बसत सकल उर,
बन कर उपवन||
#चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’
परिचय: चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’ की जन्मतिथि-५ अप्रैल १९८९ और जन्म स्थान-रूदपै है। निवास शहर-शंभूगंज (राज्य-बिहार)में है। आपने बी.ए. की शिक्षा हासिल की और गैर सरकारी शिक्षक हैं। आप काव्य लेखन करते हैं,जिसका उद्देश्य-हिन्दी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है।
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Sat Dec 1 , 2018
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