#अविनाश तिवारी
अमोरा जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ
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लोकतंत्र का अभिमान हूँ
मैं भारत का संविधान हूँ।
मुझमे बसा है भारत देखो
हिंदुस्तान की जान हूँ। ।
मैने समता सम्प्रुभता से
भारत को सींचा था।
बाबा के सपनों में मैंने
समाज वाद भी देखा था।।
टूटे मेरे सपने स्वराज के
राजघाट में लेटा हूँ।
संसद के गलियारों में
हंसता हूँ कभी रोता हूं।।
मैने भाषण की आज़ादी दी
तुम देश को खंडित करते हो।
जे एन यू में बैठ के द्रोही
देश के टुकड़े करते हो।
संसद की भाषा भी देखी
कुर्सी टेबल टूटते हैं,
आंख मिचौली करते नेता
मर्यादा भी खोते हैं।
धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनाया
भाईचारा बना रहे।
किन्तु लड़ रहे धर्म पर
खून अपना ही बहा रहे।
बाबा गांधी के सपनो को
आओ सफल बनाना है।
राष्ट्र हित है सर्वोपरि
संविधान अमर बनाना है।