सी०आर० बनाम सियार

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ashok kumar dhoriya
वरिष्ठ अधिकारी  नवनियुक्त सिपाही से कहता है आज  आपको सी० आर० लेकर दिल्ली जाना है। सिपाही -श्रीमान जी, क्या मुझे अकेले जाना है वहाँ ?   अधिकारी -“हाँ अकेले जाना है तुम्हे ।” सिपाही  -नहीं ;  श्रीमान जी मैं सी०आर० लेकर नहीं जाऊँगा। वरिष्ठ अधिकारी-“आप अभी भर्ती होकर आए हो और आपकी इतनी हिम्मत ! वरिष्ठ अधिकारी के आदेश की अवहेलना कर रहे हो। आपको सी०आर० लेकर  जाना होगा ।” सिपाही – श्रीमान जी, मैं सी० आर० लेकर बिल्कुल नहीं जाऊँगा।” वरिष्ठ अधिकारी – “आपको सी० आर० लेकर अवश्य जाना होगा ,वर्ना आपको कठोर सज़ा दी जाएगी।” सिपाही-श्रीमान जी, मैं सज़ा भुगतने को तैयार हूँ लेकिन सी०आर० लेकर नहीं जाऊँगा। वरिष्ठ अधिकारी-आपको आखरी मौका दे रहा हूँ ,आप सी० आर० लेकर जाइए ।सिपाही-श्रीमान जी ,मैं नौकरी छोड़ सकता हूँ लेकिन सी०आर० लेकर नहीं जाऊँगा।   वरिष्ठ अधिकारी ने एक दूसरे सिपाही को उसके पास भेजा कि इनसे कारण पूछिए कि ये सी०आर० लेकर क्यों नहीं जाना चाहता ? तब दूसरे सिपाही ने पूछा-भैया , आप सी०आर० लेकर क्यों नहीं जाना चाहते ? उसने जवाब दिया -सियार खा जाएगा । जब अधिकारी को इस बात का पता चला कि सिपाही( सी०आर० )कैश रिपोर्ट को सियार (गीदड़) समझ रहा है तब वह खूब हँसा ।
परिचय:-
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर(झज्जर)
हरियाणा

matruadmin

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