#कृष्ण कुमार सैनी”राज”,दौसा,राजस्थान
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कांधे पर बन्धूक का बोझ
और पीठ पर लदा बैग लिए खड़ा रहता है,
हमारी सुरक्षा हेतु उस शख्स का नाम है *”सैनिक”* ॥
जिसे खुद से ज्यादा चिंता होती है हमारी।
छोड़कर घर परिवार करते हैं सुरक्षा हमारी॥
हमें करना चाहिए सैनिक का सम्मान..।
दुश्मनों को मारते रहते सीना तान….॥
हो रहे हैं सैनिक शहीद,
तिरंगे में लिपटकर आ रहे हैं घर।
एक सैनिक की बदौलत ही
हम मुल्क में ले रहे हैं चैन की सांस॥
वरना घुट घुट कर जीना पड़ता।
दुश्मन से या अपने ही हाथों मरना पड़ता॥
करता हूं सैनिक का आभार……..।
जो हमारे लिए सीमा पर मरने को तैयार॥
जय हिंद !
जय भारत !
जय सैनिक !
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