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दिल से दिल मिलाएंगे दीवाली में
खुशियां मनाएंगे दीवाली में
धरती सजेगी अम्बर सजेगा
और धूम मचाएंगे दीवाली में
महकेगा घर आँगन अपना
रंगोली सजायेंगे दीवाली में
खूब बटेगी मिठाई और बतासे
फुलझड़ी जलायेंगे दीवाली में
चारो तरफ होगा धूम धड़ाका
पटाखे चलाएंगे दीवाली में
दीपों का ये पर्व दीवाली
झूमेंगे गाएंगे दीवाली में
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।
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Fri Nov 16 , 2018
. 1 सपन सुभागी है सदा,उत्तम इसकी जात। नींद रहे तक दोय है, इकले जगे प्रभात।। . 2 सपने खुलती आँख के, सोन नहीं है देत। प्राप्त करे हम लक्ष्य को,तभी चैन अरु हेत।। . 3 स्वप्न देश के देखिये, खुशहाली चहुँओर। मेरे भारत में करे, स्वर्ण विहग शुभ भोर।। . 4 सपना सारे […]