हिन्दी की बिंदी में शान

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 rikhabchand
हिन्दी भाषा की बिंदी  में शान।
तिरंगे के गौरव गाथा की आन।।
राजभाषा का ये पाती सम्मान।
राष्ट्रभाषा से मेरा भारत महान ।।
संस्कृत के मस्तक पर चमके।
सिंधी,पंजाबी चुनरी में दमके।।
बांग्ला,कोंकणी संग में थिरके।
राजस्थानी चूड़ियों में खनके ।।
लिपि देवनागरी रखती ध्यान।
स्वर व्यंजन में है इसकी शान।।
मात्राओं का हमें कराती ज्ञान।
शब्द भंडार है अनमोल खान।।
हिन्दी से राष्ट्र का नव निर्माण।
जन- जन का करती कल्याण।।
दुनिया में भारत की  पहचान।
हिन्दी से होगा जग का उत्थान।।
कबीर, मीरा, तुलसी, रसखान।
सबने गाया हिन्दी का गुणगान।।
‘रिखब’ करता शारदे का ध्यान।
पाता निशदिन अनुपम वरदान ।।
#रिखबचन्द राँका
परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी नगर स्थित न्यू सांगानेर मार्ग पर हैl आप लेखन में कल्पेश` उपनाम लगाते हैंl आपकी जन्मतिथि-१९ सितम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-अजमेर(राजस्थान) हैl एम.ए.(संस्कृत) और बी.एड.(हिन्दी,संस्कृत) तक शिक्षित श्री रांका पेशे से निजी स्कूल (जयपुर) में अध्यापक हैंl आपकी कुछ कविताओं का प्रकाशन हुआ हैl धार्मिक गीत व स्काउट गाइड गीत लेखन भी करते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि और हिन्दी को बढ़ावा देना हैl  

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One thought on “हिन्दी की बिंदी में शान

  1. Rikhab chand ranka ji का हिंदी को बढ़ावा देने में बहुत ही ज्यादा धन्यवाद हैं जिस प्रकार यह हिंदी मातृभाषा को आगे ले गए हैं यह बहुत ही सुंदर कार्य है अपनी मातृभाषा का सम्मान करना ही जीवन का उद्देश्य है यह हम सबके अंदर भी ऐसा ही होना चाहिए नमस्ते

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।