भगत सिंह नाम है मेरा 

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
nilima mishra
वो गोली आज तक  छलनी है करती जानों
दिल अपने ,
है जलियाँबाग का मातम मेरी आँखों में
बचपन से ।
भगत सिंह नाम है मेरा मैं फ़ौलादी हूँ तन
मन  से,
मेरा चोला बसंती  रंग दिया है माँ ने
बचपन से ।
क़सम खाता हूँ मैं अपनी हर इक आज़ाद
धड़कन से ,
निभाऊँगा मैं पूरा फ़र्ज़ मिट्टी के हर एक
कण से ।
सितम की इन्तहा भी कर ले तू ऐ जान
दुश्मन  के ,
यही है ख्वाब मेरा मुल्क हो आज़ाद
दुश्मन  से ।
जवानी काम आ जाये वतन की शान की
ख़ातिर ,
रगों में दौड़ता है खून हर पल बस इसी
धुन में ।
मेरे साथी है बटुकेश्वर ,जतिन ,आज़ाद और
सुखदेव ,
सभी का एक है रस्ता सभी बाँधे कफ़न सर
 पे ।
वो लाला जी पे करना जुर्म न बर्दाश्त
हमको था ,
मिली सांडर्स को इसकी सजा लाहौर  के
पथ में ।
वो बम फेंका था जब संसद में हम तो भाग
सकते थे ,
मगर हम पीठ पर कब वार करते अपने
दुश्मन के ।
मुझे साम्राज्यवादी ताक़तों को बस
कुचलना है ,
हो ज़िंदाबाद का नारा बुलंदी पर जमीं
नभ में   ।
न रोना एक भी आँसू शहीदों की मज़ारों
पर ,
चढ़ाना फूल उन पर  अपने केवल ह्रदय
उपवन के ।
अभी भी मुल्क में बाक़ी हैं कितने  काम
करने हैं ।
बचा कर लाज रखो शान झंडे की नये
युग में ।
#डा० नीलिमा मिश्रा

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आत्मसंतुष्टि 

Sat Sep 29 , 2018
शिखर शुरू से ही बहुत ही प्रतिभाशाली था l वह बचपन में  गाँव के ही स्कूल में पढ़ता था l उसके शिक्षक उसके कार्यों से सदैव प्रसन्न रहते थे l जब उसने मैट्रिक की परीक्षा दी तब उसके परीक्षा परिणाम से सब अवाक थे कि जिस बच्चे को नब्बे प्रतिशत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।