Read Time1 Minute, 32 Second
साँवली सूरत नन्दलाल |
सुंदर नैना बने बिसाल ||
अधरों पर बजती मुरली |
नभ छा जाती घटा काली ||
गले में बैजंती माला |
भक्त कहें जय गोपाला ||
मोर मुकुट अति प्यारो |
वृंदावन सबसे न्यारो ||
भवसागर से हो जो पार |
कृष्ण से करे आँखें चार ||
साँवली सूरत नन्दलाल |
सुंदर नैना बने बिसाल ||
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl
Post Views:
664
Sat Sep 1 , 2018
. ~~~ 1… घूंधट पर्दा री प्रथा, समय काल अनुसार। देश अजादी मिल चुकी,अब बदलाव बयार।। 2….. परदेशी निजराँ बचै, बिटिया बहू हमारि। लाज शर्म बड़काँन की,घूँघट माहि सँभारि।। 3…..

जे पढ़लिख जावै नारियाँ,प्रगतिअवसर पाय। राजनीति अरु नौकरी, बणिज देखती जाय।। 4….. अब तो घूँघट छोड़कर,करो विकासी बात। लाज शर्म […]