प्यार इबादत है पूजा है
इसमें न राग है न द्वेष
प्यार के रंग अलग अलग
माँ ने किया तो ममता है
प्यार पिता ने किया तो
बन जाता वो आशीर्वाद है
प्यार दोस्तों ने किया तो
अटूट दोस्ती की निशानी है
प्यार अपनों ने किया तो
अटूट रिश्ता होता है
प्यार ग़रीबों से किया तो
मानवता की निशानी है
प्यार न ग़रीबी देखता है न अमीरी
प्यार न धर्म देखता है न जाति
प्यार दिखता नहीं बिकता नहीं
उसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है
प्यार ईश्वर से किया तो
वो भक्ति बन जाता है
प्यार पत्नी से किया तो रिश्ता
सात जन्मों का बन जाता है
प्यार प्यार होता है
इसमें न मेरा न तेरा होता है
प्यार एक इबादत है
प्यार पूजा होता है
अदिति रूसिया
वारासिवनी