समिति में आयोजित सृजन विविधा, घनाक्षरी लेखन कार्यशाला सम्पन्न

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कविता लेखन के साथ, उसके संस्कारों पर भी ध्यान देना चाहिए


श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा का नवीन आयोजन हुआ। साहित्य मंत्री डाॅ. पद्मा सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर बात करते हुए कहा कि हमें सिर्फ लिखना ही नहीं चाहिए बल्कि , विधा के व्याकरण आदि पर भी ध्यान देना चाहिए।यही लेखन की सार्थकता है। इसी उद्देश्य से

अब से प्रति सप्ताह सृजन विविधा के दो सत्र होंगे। प्रथम सत्र में साहित्य की किसी एक विधा पर विशेषज्ञों का व्याख्यान होगा।बाद में नवागतों व अन्य का रचना पाठ होगा।आज के विशेष आयोजन में हिन्दी साहित्य में छंद विधान के महत्व को रूपायित करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्पणजैन ने घनाक्षरी छंद में लिखी रचना की बारीकियाँ और उसका व्याकरण समझाया। घनाक्षरी छंद का उदाहरण देते हुएविस्तार से समझाया। द्वितीय सत्र में डॉ.मनीष दवे और सुरेन्द्र सक्सेना ने मौसम पर रचना पढ़ी। तनिष तिवारी ने भारतीय मन और ब्रह्म की खोज, जान्हवी, आशा वडनेरे, रमेश चंद्र शर्मा, शीला चन्दन ने माँ, मौसम, स्त्री शोषण पर,संजय कोटिया ने हड़प्पा और नालंदा पर रचना पढ़ी, राधिका इंगले दिलीप नेमा ,किशोर यादव,हटेसिंह ,हरेराम बाजपेयी ने भी रचनाएँ पढ़ी।इस अवसर पर श्री अश्विन खरे, अनिल भोजे, घनश्याम यादव,लक्ष्मीनारायण उग्र, माधवी तारे व अनेक साहित्यकार उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन साहित्य मंत्री डॉ.पद्मासिंह ने किया आभार समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने माना।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।