नारी है ईश्वर की प्रतिमा,
इसके प्रेम,आशीर्वाद की
नहीं है कोई सीमा।
नारी ने किया इस पृथ्वी का सृजन,
नारी बनी हर रिश्ते क्षेत्र में मिसाल..
इसने ही संवारा ये चमन।
इससे ही संभव हुआ देश-समाज में शांति और अमन।
ये है शक्तियों का भंडार,
ये करती संसार में उज्जवल
भविष्य का संचार..
हे मानव न कर नारी का तिरस्कार,
यही है धरती की पालनहार।
नारी ने ही बनाया वन को उपवन,
जो फूल खिलाकर बंजर जमीं को बना दे गुलशन..
नारी ही होती है हर जीव की नींव,
जो लाए हर इंसान के जीवन में बदलाव।
जहाँ देवलोक में सती,पार्वती,और जानकी ने परचम लहराया,
वहीं धरती पर मदर टेरेसा,झाँसी की रानी ने इतिहास दोहराया।
#तृप्ति तोमर
परिचय : भोपाल निवासी तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। मध्य प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है।
Very nice
सुन्दर रचना के लिए बधाई !!