प्रेम को आगे रखके हम खुद का सम्मान करें लोकतंत्र के महापर्व में आओ चलो मतदान करें गली मोहल्ले गाँव शहर में घूम घूम कर हम भाई बूढ़े और जवानों का हम सब मिलकर आह्वान करें जाति धर्म भाषा प्रांत से कुछ पल मन को दूर रखें सही बटन पर […]

निज अधिकार समझके अपने मत का करले दान रे भइया चलो करे मतदान रे भइया चलो करे मतदान पाँच वर्ष पश्चात मिला है हम सबको फिर से मौका लोकतंत्र के महा पर्व में क्यों तुम सब अनजान बहना भाई चाची ताई दादा दादी सब सुनलो अबकी बढ़ चढ़के करना है […]

तुम्हारी याद जो आई तो मैं पैगाम लिखता हूँ मिटाकर के हथेली से पुनः तेरा नाम लिखता हूँ सदा खोया रहा तुम में चैन से सो नही पाया जो आई याद तेरी तो सनम मैं रो नहीं पाया वजह बस एक ही तो थी तुम्हारी आबरू की जाँ तभी तेरे […]

जमी बंजर में पौधा नेह का हम बो नही सकते ये झूठे प्यार के नातों को हम यूँ ढो नही सकते भले तालाब छोटा हो मगर अपनी जगह वो है समन्दर में कमल जैसे कभी भी हो नही सकते भले सुबह से लेकर शाम तक उजियारा दे कोई मगर रातों […]

है दुआ़,पैर में आया कांटा भी फूल बन जाए। छुओ जो कली तो गुलशन बन जाए॥ रास्ते का पत्थर भी पारस बन जाए, मौसम की लहर भी बहार बन जाए॥ जिस नजऱ देखो नजराना बन जाए। दे कोई गर साथ तो हमसर बन जाए॥ मिले कोई राहगीर तो फ़रिश्ता बन […]

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  हर जहां में है मेरा फैला है तराना। लाई साथ खुशियों का नजराना॥ ख्वाबों की दुनिया का सफर है सुहाना। कैसे तय करुं,न साथ हमसफर न जमाना॥ सपनों को,पूरे करने की  है चाहत। न उम्मीद है,किसी से न शिकायत॥ आस है जीवन,न है कोई हकीकत। जिंदगी है अधूरी,बस यही […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।