आओ विजन 2020 की ओर चलें

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28_07_2015-kalamm
   – राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
       कवि,साहित्यकार
 आओ विजन दो हज़ार बीस की ओर चलें। सबको विजन 2020 क्यों पूरा करना चाहिए इसका सीधा उत्तर है हम दो हज़ार बीस तक हमारे देश को विकासशील से विकसित बनाएंगे। जो विजन हमें कलाम साहब ने दिया उसे पूरा करना है।
     संकीर्ण स्वार्थों से ऊपर उठकर देश के लिए कार्य करेंगे। किसी भी दल के नेता हो। सरकार में सत्तासीन पार्टी कोई भी हो सभी का एक लक्ष्य विजन 2020 होना चाहिए।
  हर साहित्यकार पत्रकार लेखक रंगकर्मी कलाकार का प्रयास हो कि वह विजन 2020 की जंग लड़े। अब आज़ादी की लड़ाई नहीं लड़नी।अब तो देश विकसित कैसे हो। इस कार्य मे जो बाधक हो उससे लड़कर जीतना है। हर टीवी चैनल,रेडियो स्टेशन हर धार्मिक स्थल एवम संस्थाएं विजन 2020 को पूर्ण करने हेतु ललकार करे। हर सामाजिक संस्था विजन 2020 के लिए पूरा अलग से कार्यक्रम तैयार कर  करने क्रियान्वित करे। हर दार्शनिक विजन पूरा करने के लिए दर्शन सामने रखे। आज कलाम के नाम पर कलाम  सेंटर 2000 हो गए हैं यह भारत का विजन दो हज़ार बीस की तरफ तेजी से बढ़ने का संकेत है। कलाम साहित्य व कलाम के विचार जन जन तक पहुंचाने का काम होना चाहिए। राष्ट्रवादी साहित्य हेतु कवि सम्नेलन गाँव गाँव मे हो। हर गांव हर शहर स्कूल,कॉलेज धर्मग्रंथ से आएगा।
कर्मवीर की कुटिया से आएगा। 21 वी सदी के युवाओं के विकासशील विचारों एवं कार्यों से आएगा।
  हम अपने जीवन मे दस संकल्प पूर्ण कर विजन 2020 हेतु जुड़कर कार्य करें। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप न लगावे।
पहला मैं पूर्ण समर्पण से अपनी पढ़ाई या कार्य को पूरा करूँगा और उसमें अच्छे से अच्छा करूँगा। दूसरा संकल्प में कम से कम ऐसे दस लोगों को पढ़ाऊंगा जो ना तो पढ़ सकते है ना लिख सकते है। तीसरा संकल्प-मैं कम से कम दस पौधे लगाऊंगा और लगातार उनकी देखभाल करूँगा और उनकी व्रद्धि को सुनिश्चित करूँगा। चौथा संकल्प-शहरी एवम ग्रामीण क्षेत्रों में भृमण कर कम से कम पांच लोगों को बुरे व्यसन से छुड़ाने के लिए कठिन मेहनत करूँगा। पाँचवा संकल्प-मैं अपने बन्धु बाँधूओं के दुखों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करूंगा। छठा संकल्प-मैं किसी प्रकार के धार्मिक, जातिगत और भाषागत भेदभाव का समर्थ नही करूँगा। सातवां संकल्प-मैं ईमानदार बनूँगा एवं दूसरों को अनुकरण करने के लिए स्वयं एक उदाहरण बनूँगा। आठवां संकल्प-मैं एक जागरूक नागरिक बनने की दिशा में कार्य करूँगा। अपने परिवार को साहसी बनाऊंगा। मैं हर महिला का सम्मान करूँगा और नारी शिक्षा का समर्थन करूँगा। नवां संकल्प-मैं दिव्यांग लोगों का हमेशा मित्र या सहयोगी रहूँगा और उन्हें स्वस्थ लोगों की तरह बनाने का पूरा यत्न करूँगा। दसवां संकल्प-मैं अपने देश एवं जनता की सफलता की गर्व सहित प्रशंसा करूँगा।
   सभी युवाओं को लक्ष्य ऐसे ही निर्धारित करना होगा। युवा हमारे राष्ट्र की शक्ति है। युवाओं की शक्ति देश हित मे लगे ऐसा प्रयास हो।
    मिसाइल मेन अब्दुल पाकिर जेनुएल अब्दुल कलाम जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति रहे। उन्होंने 2020 तक भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने एवम ग्रामीण जनता के विकास के साथ साथ भारत की शिक्षा व्यवस्था,तकनीकी व प्रोधोगिकी के विकास हेतु जो विजन प्रस्तुत किया वह है विजन 2020। भारत दो हज़ार बीस तक सभी क्षेत्रों में प्रगति करेगा । युवाओं को रोजगार के कैसे अवसर सुलभ होंगे। देश का किसान कैसे फसल दोगुनी ले सकेगा। विद्यार्थी विज्ञान तकनीकी का ज्ञान अर्जित कर कैसे आगे बढ़ेंगे। व्यापारी कैसे माल का उत्पादन बढा लेंगे । ये सब विजन 2020 में कैसे पूर्ण होंगे । इस समग्र विजन का नाम है विजन 2020। हमारा देश सामाजिक रूप से विकसित हो जाएगा। आज हर भारतीय को विश्वसनीयता के साथ काम करने की जरूरत है। देश के लिए एक शिक्षक ज्ञान बांटता है वह भी विजन 2020 का लक्ष्य हांसिल करने की ओर बढ़ रहा है।
    हमें भारत की युवा पीढ़ी को सच्चे देश सेवक बनाना होगा। आज सोशल मीडिया पर चार फ़ोटो डाल कर लोग पर्यावरण बचाने का ढोंग कर रहे है। ये कैसी देश सेवा है। स्वयं को प्रसिद्ध करने के लिए या झूंठी प्रसिद्धि पाने के लिए लोग नए नए प्रयोग कर रहे हैं। पेड़ कटते जा रहे। ये देश सेवा नहीं। इससे भारत माँ का आँचल हरा भरा नहीं होगा।छोटे छोटे काम कर हम देश सेवा कर सकते हैं। घर की सफाई सभी करते हैं कभी गली मोहल्ले की करिए। बड़ा सुख मिलेगा। अपने लिए सभी जीते हैं। दूसरों की भलाई के काम करके देखिए आपका मन कितना शांत हो जाता है।
  जब भारत में गरीबी बढ़ती जा रही,तेजी से देश की जनसंख्या बढ़ रही, जिस देश मे शिक्षा का अभाव है। बेरोजगारी हो,विकास की गति जहाँ धीमी हो। आज़ादी के इतने सालों बाद भी हमारे देश की ये सभी समस्याएं यथावत खड़ी है। हमें लगता है कि अब देश की सारी व्यवस्था चौपट हो जाएगी। परंतु हम ऐसा सोच सकते हैं लेकिन पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब ने कहा था कि यदि हर भारतीय मेहनत से काम करें तो दो हज़ार बीस तक हम विश्व के पाँच सबसे अधिक शक्तिशाली समृद्ध देशों में सम्मिलित हो सकते हैं। उनकी कृति भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा में इस तथ्य का उल्लेख है। यह पुस्तक जापान अमेरिका जैसे विकसित देशों के अनुकरण पर भारत सरकार द्वारा कराए गए विशिष्ट एवम व्यापक अध्ययन से तैयार की गई है जिसमें सभी क्षेत्रों के वैज्ञानिकों  विशेषज्ञों समाजसेवी  संस्थाओं पत्रकारों और ग्रमीण क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। खनिज, इंफोटेक,अर्थ,अनुसंधान, खेती,उद्योग,समाज,स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों के आंकड़ो को सम्मिलित किया गया।
   भारत मे न्यूक्लियर बम के निर्माता कलाम ने अपने भाषण के बाद एज दस वर्ष की लड़की जो उनका आटोग्राफ लेने आई थी उससे पूछा तुम्हारी महत्वाकांक्षा क्या है। वह लड़की बोली-” मैं एक विकसित भारत मे जीवन बिताना चाहती हूं।” कलाम साहब ऐसे ही करोड़ों लोगों के लिए भारत को विकसित बनाने का विजन बता कर गए।
   हम भारतवासी अपनी दरिद्रता की वर्तमान दशा से ऊपर उठने का कार्य करें।शिक्षा,स्वास्थ्य,आत्मसम्मान की उनन्त हो रही स्थिति को आधार बनाकर देश की प्रगति में योगदान करने हेतु ततपरता से काम करें।
  हमारा विश्वास है कि प्रज्वलित युवा मस्तिष्क प्रबल संसाधन होते है।धरती के ऊपर आकाश में तथा जल के नीचे छिपे किसी भी संसाधन से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं। हम सभी को विकासशील भारत को विकसित भारत मिलकर बनाना होगा। जिसके पास जो हुनर है उसका उपयोग देश की सेवा में करे। इस हेतु हमे सबसे पहले मानसिक रूप से तैयार होना होगा।
 ” विजन दो हज़ार बीस पूर्ण करें।
  कलाम के सपनो को साकार करें।।”
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।