Read Time1 Minute, 40 Second
पर्यावरण बनता जैसे पौधे से,
घर संसार बनता वैसे बेटी से।
बेटी बचाओ का प्रयास जैसे हो रहा ,
वैसे ही पर्यावरण को बचाने का प्रयास मानव कर रहा ।
न काटो पौधे धरती सूख जायेगी ,
न मारो बेटी को ममता रूठ जायेगी।
तबाही दोनों से होगी ये समझ लो,
वक्त अभी नही हुआ ज़रा संभल लो।
नन्ही सी कली शाखाओ सी फैल जाती है,
वृक्षों की छाँव जैसे आँचल फैलाती है।
फलों को खाकर आनंद जैसे आता है,
वैसे ही बेटी की ममता का अहसास होता है।
पौधों का जहां जल छाँव से सींचा जाता है,
वही नन्ही को संस्कार और पालन सिखाया जाता है।
क्यों हम इस फर्क को नही समझ पा रहे ,
न बेटी न पर्यावरण को बचा पा रहे ।
तबाही दोनों से आएगी ये जानते है सभी,
फिर भी स्वयं की नादानियों से अनभिज्ञ है अभी।
लो संकल्प पर्यावरण दिवस पर सभी,
बेटी और पौधों को बचायेंगे मिलकर सभी।
#प्रेरणा सेंद्रे
परिचय: प्रेरणा सेंद्रे इन्दौर में रहती हैं। आपकी शिक्षा एमएससी और बीएड(उ.प्र.) है। साथ ही योग का कोर्स(म.प्र.) भी किया है। आप शौकियाना लेखन करती हैं। लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।
Post Views:
491