जो अभी तक दल बदल रहे थे,
परिणाम आते ही कुछ तो रंग वदलेंगे।
विजयश्री पाकर चलेंगे अकड़कर,
ऐसे अपना वो भी स्वभाव वदलेंगे।
बिना कमीशन के तो फिर ये नेता उखड़ी,
सड़क पर डामर तक नहीं वदलेंगे।
सूरत क्या बदलेंगे शहर की वो जानते
हैं उन्हें पहले खुद की हालात वदलेंगे।
बस कुछ देर और इन्होंने कुछ नहीं किया,
तो दूसरे राज्य की जनता फिर इनकी सरकार वदलेंगे।
हर रात अँधेरे में कट रही,भूखा सो रहा है कोई,
क्या कोई बताएगा इनके कौन हालात बदलेंगे।
तुम्हें तुम्हारी जीत मुबारक, हार गए तो,
प्रयास मुबारक आएगा, हम भी इतहास वदलेंगे।
#पिंकू राजपूत
परिचय : मध्यप्रदेश के ग्राम बाजनिया (टिमरनी,जिला हरदा) निवासी पिंकू राजपूत शौक से रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में रिश्तों का चित्रण अधिक नज़र आता है।